Bihar Land Survey 2024: बिहार में लोक सभा चुनाव से पहले भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी। कुछ जिलों में सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, लेकिन राज्य के कुछ जिलों में अभी भी सर्वेक्षण होना बाकी है। अब, लोक सभा चुनाव के बाद, भूमि सर्वेक्षण का कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है। इस सर्वेक्षण के तहत, आपके पास कितनी जमीन है, इसकी सही जानकारी जुटाकर उसे आपके नाम पर दर्ज किया जाएगा। विभिन्न जिलों में सर्वेक्षण अलग-अलग समय पर किया जाएगा। सर्वे से पहले सभी रैयतों (भूमि मालिकों) को कुछ आवश्यक कार्य करने की सलाह दी गई है।
इस आर्टिकल में, Bihar Land Survey 2024 के तहत रैयतों को क्या-क्या करना होगा, और सर्वेक्षण किस प्रकार से किया जाएगा, इसकी पूरी जानकारी दी गई है। यदि आप बिहार राज्य के निवासी हैं और आपके पास जमीन है, तो सर्वेक्षण से पहले आपको ये सभी कार्य पूरे करने होंगे। सर्वेक्षण से पहले क्या-क्या करना आवश्यक है और सर्वेक्षण किस प्रकार से किया जाएगा, इस बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें। अधिक जानकारी के लिए, नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से इसका आधिकारिक नोटिस ध्यान से पढ़ें।
Bihar Land Survey 2024: Overviews
Post Name | Bihar Land Survey 2024: Bihar Bhumi Survey: बिहार जमीन सर्वे शुरू, जमीन सर्वे में रखे इन बातों का ध्यान – नोटिस जारी |
---|---|
Post Date | 16/06/2024 |
Post Type | Sarkari Update |
Update Name | Bihar Land Survey |
Department | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
Survey Mode | Offline |
Official Website | biharbhumi.bihar.gov.in |
Bihar Land Survey 2024 Short Details | Bihar Land Survey 2024: लोक सभा चुनाव के बाद फिर जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है। इस सर्वे में आपकी जमीन की सही जानकारी प्राप्त कर उसे आपके नाम पर चढ़ाया जाएगा। अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय पर सर्वे किया जाएगा। सर्वे से पहले सभी रैयतों को कुछ आवश्यक काम करने के लिए कहा गया है। इस आर्टिकल में बताया गया है कि रैयतों को क्या-क्या काम करना होगा और जमीन सर्वे कैसे किया जाएगा। |
Bihar Land Survey 2024
बिहार के सभी जिलों में भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसकी शुरुआत काफी समय पहले ही की गई थी, लेकिन केवल कुछ जिलों में ही सर्वेक्षण पूरा हुआ था, जबकि बाकी जिलों में सर्वेक्षण होना बाकी था। अब, शेष जिलों में भी सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत, सभी जिलों में भूमि का सर्वेक्षण कर जमीन को उनके वास्तविक मालिकों के नाम पर दर्ज किया जाएगा। राज्य में कई जमीनें ऐसी हैं जो अब भी दादा, परदादा, या पिता के नाम पर हैं, जबकि उनकी मृत्यु हो चुकी है। इसलिए, सर्वेक्षण के माध्यम से इन सभी जमीनों को उनके वास्तविक मालिकों, अर्थात् उनके बच्चों के नाम पर दर्ज किया जाएगा।
Bihar Bhumi Survey : बिहार भूमि सर्वे के फायदे
बिहार भूमि सर्वेक्षण के माध्यम से सभी जमीन मालिकों की जमीन को अलग-अलग कर उनके नाम पर दर्ज किया जाएगा। जैसा कि आप जानते हैं, अक्सर एक ही जमीन पर कई लोग दावा करते हैं, जिससे जमीनी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस सर्वे के बाद, जमीन के असली मालिक कौन हैं, इसकी पूरी जानकारी स्पष्ट हो जाएगी, जिससे जमीन से जुड़े विवादों के मामलों में भी कमी आएगी।
Bihar Land Survey 2024 : इस प्रकार से किये जायेगे बिहार भूमि सर्वे
बिहार भूमि सर्वे के लिए विभाग की ओर से शिविर लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से बिहार के विभिन्न जिलों में जमीन का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही, बंदोबस्त कार्यालय के माध्यम से भी बिहार भूमि सर्वे से जुड़े कार्य किए जाएंगे।
Bihar Land Survey 2024 : Official Notice
Bihar Land Survey 2024 : रैयतो के कर्त्तव्य क्या-क्या है?
रैयतों के कर्त्तव्य निम्नलिखित हैं:
- जमीन पर उपस्थिति:
- किस्तवार और खानापूरी के समय रैयत को यथासंभव अपनी जमीन पर उपस्थित रहना चाहिए।
- चौहद्दी की पहचान:
- जरूरत पड़ने पर जमीन पर जाकर अपनी जमीन की चौहद्दी बतानी चाहिए।
- जमीन की मेड़ और सीमांकन:
- अपनी जमीन की मेड़ को ठीक-ठाक कर उसे सीमांकित कर लें।
- प्रपत्र-2 में विवरण:
- जमीन का विवरण चौहद्दी के साथ प्रपत्र-2 में भरकर शिविर में जमा कर दें।
- स्व-घोषणा के साथ संलग्न कागजात:
- जमाबंदी संख्या की विवरणी/ मालगुजारी रसीद की छायाप्रति (यदि उपलब्ध हो)।
- खतियान की नकल (यदि उपलब्ध हो)।
- मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि/ मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
- आवेदन या हित अर्जन करनेवाले का मृतक का वारिस होने का प्रमाण।
- सक्षम न्यायालय का आदेश हो, तो उसकी सच्ची प्रति।
- वंशावली:
- वंशावली प्रपत्र 3 (I) में भरकर संलग्न कागजात के साथ शिविर में जमा करें।
- प्रपत्र-7 और L.P.M.:
- मिलने के बाद सही से जांच करें। गलतियों के मामले में प्रपत्र-8 में आपत्ति दर्ज करें।
- सुनवाई:
- सुनवाई के दौरान समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें।
- अधिकार अभिलेख/मानचित्र की जांच:
- प्रारूप अधिकार अभिलेख और मानचित्र की जांच करें। गलती होने पर प्रपत्र-14 में आपत्ति दायर करें।
- अंतिम अधिकार अभिलेख:
- अंतिम रूप से तैयार अधिकार अभिलेख और मानचित्र का अवलोकन करें। गलतियों के मामले में प्रपत्र-21 में आपत्ति दें।
- अधिकार अभिलेख की प्रति:
- अधिकार अभिलेख (खतियान) की एक प्रति शिविर या बंदोबस्त कार्यालय से अवश्य प्राप्त करें।
Bihar Land Survey 2024: Important Links
Home Page | Click Here |
Survey Official website | Click Here |
Check Official Notification | Click Here |
प्रपत्र 2 ( रैयात के लिए ) | Click Here |
सर्वे बनसावली फ़ॉर्म 3 (1) | Click Here |
सर्वे बनसावली फ़ॉर्म 3 (1.1) | Click Here |
Join Telegram | Click Here |
Bihar Bhumi SMS Alert Service Online | Click Here |
Official Website | Click Here |
Frequently Asked Questions(FAQs)
भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयत को क्या करना होगा?
रैयत को समय-समय पर अपनी जमीन पर उपस्थिति बनाए रखनी होगी, चौहद्दी की पहचान करनी होगी, जमीन की मेड़ ठीक करनी होगी, और सभी आवश्यक दस्तावेज प्रपत्र-2 में भरकर शिविर में जमा करने होंगे।
क्या रैयत को जमीन की चौहद्दी की जानकारी स्वयं ही बतानी होगी?
हाँ, जरूरत पड़ने पर रैयत को स्वयं अपनी जमीन की चौहद्दी की पहचान कर बतानी होगी।
स्व-घोषणा प्रपत्र के साथ कौन-कौन से कागजात संलग्न करने होंगे?
स्व-घोषणा प्रपत्र (प्रपत्र-2) के साथ जमाबंदी संख्या की विवरणी, मालगुजारी रसीद, खतियान की नकल, मृत्यु प्रमाण पत्र, और वंशावली प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे।
अगर प्रपत्र-7 या L.P.M. में गलतियां हों तो क्या करें?
यदि प्रपत्र-7 और L.P.M. में कोई गलतियां हों तो प्रपत्र-8 में आपत्ति दर्ज करें।
अंतिम अधिकार अभिलेख और मानचित्र की जाँच कैसे करें?
अंतिम अधिकार अभिलेख और मानचित्र का अवलोकन कर लें। अगर गलती पाएँ, तो प्रपत्र-21 में आपत्ति दर्ज करें।
Conclusion
बिहार भूमि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो जमीन के वास्तविक मालिकों को सही-सही पहचानने और जमीनी विवादों को कम करने में सहायक है। रैयतों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा करने चाहिए और किसी भी प्रकार की गलतियों या विवादों के समाधान के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। इस प्रक्रिया के द्वारा, जमीन की सही स्थिति और मालिकाना हक को स्पष्ट किया जाएगा, जिससे भविष्य में भूमि विवादों में कमी आएगी और सम्पत्ति का प्रबंधन अधिक सुगम होगा।