राज्य में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इस प्रक्रिया के तहत, अपने दादा, परदादा या पिता की जमीन को अपने नाम पर करवाने के लिए विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।इसमे बंटवारानामा जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं। कई लोग इस बात से अनजान हैं कि बंटवारानामा के लिए आवेदन कैसे करें।दस्तावेजों की सही जानकारी और आवेदन प्रक्रिया की समझ से आप अपनी जमीन को आसानी से अपने नाम पर करवा सकते हैं।
अगर आप बंटवारानामा बनवाना चाहते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इस आर्टिकल में बंटवारानामा के लिए आवेदन करने की पूरी जानकारी विस्तार से दी गई है।
आवेदन की प्रक्रिया को समझने और बंटवारानामा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai : Overviews
Post Name | Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai : जमीन बंटवारानामा बनवाने के लिए ऐसे करे आवेदन |
Post Date | 01/09/2024 |
Post Type | Bihar Bhumi Important Document |
Document Name | बँटवारानामा |
Apply Mode | Offline |
Department | बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
Official Website | biharbhumi.bihar.gov.in |
Bihar Jamin Batwaranama Kaise Banaye
वंशावली बनाने के लिए आपको ऑफलाइन के माध्यम से आवेदन करना ही होगा अगर आप वंशावली बनवाना चाहते हैं तो अपने नजदीकी मुखिया या ग्राम पंचायत के सरपंच के पास जाना होगा। मुखिया यह सरपंच के पास आने के बाद उनसे कहना होगा और आपको अपनी पूरी परिवार की वंशावली एक डॉक्यूमेंट के रूप में बनवानी होगी इसके बाद आपको वह इसका फॉर्म दिया जाएगा जिसमें अपनी सभी परिवार की संपूर्ण विवरण भरकर मांगे गए दस्तावेज को छाया प्रति के साथ संकलन करके अपने मुखिया के सरपंच के पास जमा करना होगा और इसके बाद उनके द्वारा आपकी दस्तावेज को वेरीफाई करके वंशावली बनाकर दे दिया जाएगा।
राज्य में कई लोग अपना बंटवारानामा बनवाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है। बंटवारानामा का निर्माण विशेष रूप से तब आवश्यक होता है जब आप पैतृक जमीन पर अपने हिस्से के पूर्ण अधिकार को स्थापित करना चाहते हैं या सर्वे कार्यों में इसे प्रस्तुत करना होता है।
बंटवारानामा बनवाना क्यों महत्वपूर्ण है और इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए, इसके बारे में विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है। कृपया पढ़ें और सही जानकारी प्राप्त करें।
Bihar Batwaranama Kaise Banaye क्यों जरुरी होता है बँटवारानामा बनवाना
बिहार में जमीन विवाद एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हाल ही में, राज्य में जमीन विवाद से जुड़े लाखों मामले अदालतों में दर्ज किए गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए, बिहार सरकार ने जमीन निबंधन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपने दादा, परदादा, या पिता के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को अपने नाम पर नहीं बेच सकता। अगर आपको ऐसी जमीन बेचना है, तो पहले उसे अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराना होगा।
वर्तमान में, मौखिक बंटवारे के आधार पर जमीन अलग-अलग भाइयों में बांटी जाती है, लेकिन ये सभी जमीनें दादा, परदादा या पिता के नाम पर रजिस्टर्ड होती हैं। इस स्थिति में, कई लोग अपने हिस्से के साथ-साथ अन्य भाइयों की जमीन भी बेच देते हैं, जिससे विवाद उत्पन्न होता है। इन समस्याओं को हल करने के लिए, सरकार ने नए नियमों के तहत पहले कानूनी रूप से अपनी जमीन को बंटवारा करना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद ही आप अपनी जमीन को बेच सकते हैं, और केवल अपने हिस्से को ही बेच सकते हैं। इसके लिए आपको बंटवारानामा सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज़ भी तैयार करने होंगे।
पैतृक संपत्ति पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतानों में बांटी जाती है। दादा की संपत्ति पर पिता और चाचा का अधिकार होता है, और पिता की जमीन को सभी पुत्रों में बराबर बांटा जाता है। अक्सर, यह बंटवारा मौखिक रूप से किया जाता है, जिससे कई बार एक भाई दूसरे भाई की संपत्ति पर कब्जा कर लेता है या उसे बेच देता है, जो जमीनी विवाद का प्रमुख कारण बन सकता है।
इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए, बंटवारानामा बनवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बंटवारानामा के माध्यम से आप अपनी संपत्ति के अधिकार को कानूनी रूप से सुनिश्चित कर सकते हैं और भविष्य में किसी भी विवाद से बच सकते हैं।
Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai : ऐसे बनवाये अपना बँटवारानामा
बंटवारानामा बनवाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी वंशावली तैयार करनी होगी, जिससे आपकी जमीन का बंटवारा किया जाएगा। वंशावली बनाने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।
वंशावली तैयार करने के बाद, आपको इसे कोर्ट में जमा करना होगा। वहां, एक एफ़िडेविट तैयार कराना होगा, जिसे सभी हिस्सेदारों द्वारा हस्ताक्षरित करना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करके आप अपना बंटवारानामा बनवा सकते हैं।
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Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai : Important Documents
बंटवारानामा बनवाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है। इन दस्तावेजों के माध्यम से आप बंटवारानामा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की पूरी सूची और जानकारी नीचे विस्तार से दी गई है। कृपया इसे पढ़कर सही दस्तावेज तैयार करें।
- मृत व्यक्ति के नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र
- बंटवारा कागजात
- वंशावली
- जमीन के कागजात
- पहचान पत्र
Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai : बँटवारा के लिए ऐसे बनवाये अपना वंशावली
वंशावली बनवाने के लिए आपको ऑफलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के मुखिया या सरपंच के पास जाना होगा और उन्हें सूचित करना होगा कि आप वंशावली बनवाना चाहते हैं।
मुखिया या सरपंच आपको वंशावली के आवेदन फॉर्म देंगे। इस फॉर्म को सही तरीके से भरकर, सभी आवश्यक दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ उन्हें जमा कर दें। इसके बाद, मुखिया या सरपंच आपके वंशावली को तैयार करके प्रदान करेंगे।
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बंटवारानामा बनाना क्यों जरूरी है?
भूमि विवाद एक गंभीर समस्या है, और राज्य की अदालतों में इस प्रकार के लाखों मामले दर्ज हैं। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने हाल ही में जमीन रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के अनुसार, यदि आपकी जमीन आपके दादा, परदादा, या पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है, तो आप उस जमीन को बेच नहीं सकते हैं।
Bihar Batwaranama Kaise Banta Hai:
यह बदलाव मौखिक बंटवारे की समस्या को हल करने के लिए किया गया है, जहां जमीन विभिन्न भाइयों में बांटी जाती है, लेकिन रजिस्ट्रेशन दादा, परदादा, या पिता के नाम पर होता है। इस स्थिति में, कोई भाई अपने हिस्से की जमीन बेच सकता है, जिससे भूमि विवाद उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, यदि आप अपनी जमीन को बेचना चाहते हैं, तो आपको आधिकारिक रूप से बंटवारानामा बनवाना होगा।
Frequently Asked Question
What is the current issue with land disputes in Bihar?
Land disputes are a significant problem in Bihar, with millions of cases related to land disputes pending in courts.
What recent changes have been made to land registration rules in Bihar?
The Bihar government has recently updated the land registration rules to prevent individuals from selling land registered in their ancestors’ names. Land must now be registered in the current owner’s name before it can be sold.
Why can’t individuals sell land registered in their ancestors’ names anymore?
The new rules require that land must be legally registered in the current owner’s name before it can be sold. This change aims to prevent issues arising from selling ancestral land that is still registered under previous generations’ names.
What must individuals do before selling land that was registered in their ancestors’ names?
Before they can sell the land, individuals must first transfer it into their own name by completing the legal process of land registration and obtaining a partition deed.
How does the current system of oral partition contribute to land disputes?
The current system of oral partition often leads to disputes because the land is divided among brothers based on verbal agreements. Still, the official registration remains in the name of the ancestors. This can result in some individuals selling land that is not rightfully theirs.
What is a ‘bantwaranama,’ and why is it important?
A ‘bantwaranama’ is a legal document that formalizes the partition of land among heirs. It is essential because it provides an official record of land distribution, which is necessary for legal transactions and resolving disputes.
What documents are required to register land in one’s name under the new rules?
To register land in one’s name, the necessary documents include proof of identity, proof of ancestral relationship, and a bantonaram, which is required to officially document the partition of the land.
Conclusion
Land disputes in Bihar have become a significant issue, with numerous cases pending in the courts. To address these challenges, the Bihar government has introduced new land registration rules requiring individuals to register land in their own names before it can be sold. This change aims to resolve conflicts arising from land that remains officially registered under ancestors’ names.
The current practice of oral partition, where land is divided among brothers without official documentation, often leads to disputes and unauthorized sales. To mitigate these problems, it is now essential for individuals to obtain a bantonaram (partition deed) and ensure their land is legally registered in their name before any sale. By following these updated procedures and preparing the necessary documentation, individuals can help prevent disputes and ensure a smoother legal process for land transactions.