बिहार सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए किसानों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, राज्य के किसानों को कृषि ऋण दिया जाएगा, जिससे उन्हें विभिन्न कृषि कार्यों के लिए वित्तीय मदद मिलेगी। सरकार की कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा या अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने कृषि कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित कर सकेंगे।
बिहार कृषि ऋण योजना 2024 के मुख्य बिंदु:
- कृषि ऋण: किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा।
- विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहन: सरकार द्वारा कई योजनाओं को शामिल किया जाएगा, जो किसानों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाएंगी।
- किसानों के लिए लाभ: यह योजना राज्य के किसानों के लिए आर्थिक रूप से सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें खेती के लिए आवश्यक धन आसानी से मिल सकेगा।
लाभ कैसे प्राप्त करें:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार के किसान संबंधित बैंक या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। योजना में पात्रता और आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी इस लेख में दी गई है।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए लिंक:
बिहार कृषि ऋण योजना 2024 से जुड़ी विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: [लिंक]
Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : Overviews
Post Name | Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : राज्य के किसानो के लिए बड़ी खुशख़बरी एक लाख करोड़ रूपये जारी, मिलेगा अलग-अलग योजनाओ का लाभ |
Post Date | 28/04/2024 |
Post Type | Sarkari Update |
Update Name | Bihar Krishi Rin Yojana 2024 |
Department Name | Bihar Krishi Vibhag |
Official Website | dbtagriculture.bihar.gov.in |
Bihar Krishi Vibhag New Update
बिहार सरकार ने कृषि रोड मैप के माध्यम से किसानों को आवश्यक ऋण प्रदान करने के लिए एक व्यापक मूल्यांकन किया है। यह रोड मैप किसानों की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि उन्हें उनके कृषि कार्यों में बेहतर समर्थन मिल सके। हालांकि, पिछले सात वर्षों में कृषि ऋण की स्थिति में गिरावट देखी गई है, जो एक चिंता का विषय है।
कृषि ऋण के आंकड़े:
- 2021-22 के दौरान: बिहार में कृषि ऋण का हिस्सा 38.4% था, जो राष्ट्रीय स्तर पर 42.9% के मुकाबले कम था।
- फसल ऋण: रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की कुल कृषि भूमि के केवल 9.6% क्षेत्र को फसल ऋण उपलब्ध कराया गया था।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि बिहार में कृषि क्षेत्र में ऋण वितरण में सुधार की आवश्यकता है ताकि किसानों को समय पर और पर्याप्त वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके। सरकार की योजनाओं और कृषि रोड मैप का उद्देश्य इस स्थिति को सुधारना और किसानों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है।
कृषि क्षेत्र की ऋण प्राप्ति बढ़ाने और किसानों को अधिक लाभ देने के लिए सरकार द्वारा नई रणनीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : इन सभी योजनाओ का मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत फसल उत्पादन, जल संसाधन, फार्म मशीनरीकरण, पौधारोपण, बागवानी वानिकी, वंजर भूमि विकास के लिए खर्च किया जाएगा। साथ ही, डेयरी, कुक्कुट पालन, भेड़, बकरी, सूअर पालन, एकीकृत कृषि प्रणाली, बैलगाड़ी, और बैल पर खर्च का भी प्रस्ताव है।
Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : इस वर्ष कृषि कार्यो के लिए 1 लाख करोड़ रूपये की जरूरत
बिहार सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 2024-25 के लिए एक नई ऋण योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, किसानों को विभिन्न योजनाओं का सीधा या अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। सरकार ने किसानों की समृद्धि के लिए आवश्यक धनराशि का आकलन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ा है।
2024-25 के लिए ऋण आवश्यकता:
- खेत और किसानों की समृद्धि के लिए सरकार ने 10356448 लाख रुपये की आवश्यकता का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष से अधिक है।
- 2023-24 में, कृषि से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं और गतिविधियों के लिए 7882327 लाख रुपये का ऋण अनुमानित था, जो इस वर्ष की तुलना में कम था।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके कृषि कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करना है। बढ़ती ऋण आवश्यकताएँ यह दर्शाती हैं कि सरकार कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।
योजना का लाभ उठाने के लिए:
किसान इस योजना के तहत उपलब्ध विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।
Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : Paper Notice
Bihar Krishi Rin Yojana 2024 : किसानो को क्यों होगी ऋण की जरूरत
कृषि रोड मैप की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार को ऋण की आवश्यकता का परिचय मिला है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में व्यक्ति की आय कम होती है, और 96.96 फीसदी छोटे और सीमांत किसान हैं। इससे स्पष्ट होता है कि किसान ऋण लेकर खेती-किसानी का काम करते हैं। इस कारण, खेती के उत्पादन के साथ-साथ निवेश गतिविधियों के संचालन के लिए संस्थागत ऋण की आवश्यकता होती है। आम भाषा में कहा जाए तो, व्यक्ति की कम आय के कारण ही किसानों को ऋण देने की जरूरत है।
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Frequently Asked Questions(FAQs)
What prompted the state government to consider providing loans to farmers?
The state government’s decision was influenced by the findings of the Agriculture Roadmap report, which highlighted the financial constraints faced by farmers.
What percentage of farmers in the state are categorized as small or marginal?
According to the report, 96.96% of farmers in the state fall under the small or marginal farmers category.
How does the report indicate the necessity of loans for farmers
despite their involvement in farming activities?
The report elucidates that although farmers are engaged in farming activities, their low income necessitates access to loans for operational expenses and investment activities.
What specific areas are mentioned where farmers require financial assistance?
The report suggests that farmers require financial assistance in various areas, such as crop production, water resource management, farm mechanization, horticulture, and land development.
Why is institutional credit highlighted as essential for conducting investment activities alongside agricultural production?
Institutional credit is emphasized as crucial because it supports farmers in managing investment activities alongside their agricultural endeavors, ensuring sustainable development.
In layman’s terms, why is there a need for loans despite farmers’ low income?
Loans are necessary for farmers due to their low income, as they require financial support to meet operational expenses and invest in activities that enhance their agricultural productivity.
What role does the Agriculture Roadmap report play in advocating for loans for farmers?
The Agriculture Roadmap report serves as a foundational document advocating for loaning farmers. It delineates their financial challenges and the imperative for institutional support.
Conclusion
The Agriculture Roadmap report highlights the critical need for farmers’ financial assistance, particularly in states like Bihar, where most farmers are categorized as small or marginal. Despite their involvement in farming activities, their low income necessitates access to loans for operational expenses and investments in various agricultural sectors. The report underscores the importance of institutional credit in supporting farmers in managing investment activities alongside their agricultural production. Therefore, addressing the financial constraints faced by farmers through targeted loan schemes is essential for promoting agricultural productivity and improving the economic well-being of farming communities.